ॐ काशीन देवाय नमः


ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः शिवाय

वही शून्य है वही इकाई जिसके भीतर बसा शिवाय

देवो के देव महादेव भगवान शिव जी के रूपो में से एक भगवान काशीन देव का मँदिर भारत में चीन  और नेपाल की सीमा पर हिमालय पर्वत के समीप  देवभूमि उत्तराखंड के पिथौरागड़ जिले के ख्वांतड़ी ग्राम में प्राचीनकाल से स्तिथ है.
Samant Family..

इस महान मँदिर की विशेषता है कि यहाँ जो भी भक्तगण आते है वो ख़ाली हाथ नही जाते.काशीन देव अपने हर भक्तो की मनोकामना पूरी करते हैं.यहाँ पर सबसे ज्यादा भक्त  नवरात्री में आते है और बम लहरी के भजनों में मस्त हो जाते हैं. प्रत्येक शिवभक्त को एक बार यहाँ अवश्य आना चाहिये . यहाँ पर जो शांति मन को मिलती है उसकी कल्पना करना भी मुश्किल है. यहाँ पहुचने के लिए थोड़ा पैदल रास्ता चढ़ना पड़ता है जो थोड़ा कठिन है इसके लिए यहाँ के ग्रामीड़ सामंत परिवार की सहायता लेनी पड़ सकती है जो कि हमेशा भक्तजनो की सहायता के लिए ततपर रहते हैं.
सामंत परिवार भगवान काशीन देव को अपना आराध्य ईस्ट देव मानते हैं. समस्त सामंत परिवार सामूहिक एवं व्यक्तिगत प्रकार से प्रत्येक वर्ष यहाँ पूजा करने आते रहते है और काशीन देव का आशिर्वाद और कृपादृष्टि सदैव इन पर बनी रहती है. नावरात्री में यहाँ पूजा करने का अपना अलग ही महत्त्व होता है सभी भक्तगण नौ दिन तक मंदिर में ही रहते है और भगवान शिव और माँ दुर्गा की आराधना करते है. आस पास के सभी ग्रामो से भक्तगण यहाँ दर्शन और पूजा को आते है. इसके आसपास में कई और भी प्रशिद्ध मंदिर है जिनकी अपने आप में अलग विसेसताये हैं.